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Acharya Vidyasagar Maharaj Live: जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि, डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में अंतिम संस्‍कार, छत्‍तीसगढ़ में राजकीय शोक घोषित

जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने आज रात 2.30 बजे समारोह पूर्वक समाधि ले ली है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि तीर्थ पर अंतिम सांस ली।

रायपुर,Acharya Vidyasagar Maharaj Live:  आचार्य विद्यासागर महाराज: जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने शिलालेख के अनुसार आज रात 2.30 बजे समाधि ले ली है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ में किया गया।

छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित

इस खबर से पूरे देश में शोक की लहर है. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के अंतिम दर्शन के लिए डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि में बड़ी संख्या में उनके अनुयायी एकत्र हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आचार्य श्री विद्यासागर के निधन पर दुख जताया है. इधर, छत्तीसगढ़ सरकार ने आधे दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.

आचार्यश्री पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ थे

पिछले तीन दिन से उन्होंने अन्न जल का पूरी तरह त्याग कर दिया था। आचार्यश्री अंतिम सांस तक चैतन्य अवस्था में रहे और मंत्रोच्चार करते हुए उन्होंने देह का त्याग किया है।

आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है

लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह

आचार्यश्री 1975 के आसपास बुंदेलखंड आए थे। वे बुंदेलखंड के जैन समाज की भक्ति और समर्पण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना अधिकांश समय बुंदेलखंड में व्यतीत किया। आचार्यश्री ने लगभग 350 दीक्षाएं दी हैं। उनके शिष्य पूरे देश में विहारकर जैनधर्म की प्रभावना कर रहे हैं।

 

सीएम साय ने विद्यासागर महाराज के निधन पर जताया शोक

मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय ने जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर शोक जताया। सीएम साय ने शोक संदेश में लिखा, विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ। 

छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन।

कर्नाटक में हुआ था जन्‍म

आचार्यश्री का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक प्रांत के बेलगांव जिले के सदलगा गांव में हुआ था। उन्होंने 30 जून 1968 को राजस्थान के अजमेर नगर में अपने गुरु आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज से मुनिदीक्षा ली थी। आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज ने उनकी कठोर तपस्या को देखते हुए उन्हें अपना आचार्य पद सौंपा था।

India Edge News Desk

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